इस बार बसंत पंचमी 16 फरवरी को है। इस दिन मां सरस्वती की वंदना की जाती है। लोग अपने घरों में माता की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं, इस पर्व को मुख्य रूप से बसंत यानि नई फसलों पर फूल आने के दिन के रूप में मनाया जाता है।
 
कैसे करें सरस्वती पूजा

प्रात:काल स्नानादि से निवृत होकर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थान में बैठें। एक चौकी पर श्वेत वस्त्र बिछाकर देवी सरस्वती का चित्र या मूर्ति स्थापित कर पूजन संपन्न करें। देवी को सफेद और नीले पुष्प अर्पित करें। खीर का नैवेद्य लगाएं। इसके बाद सभी को सरस्वती वंदना करनी चाहिए क्योंकि इससे इंसान के जीवन में ज्ञान का प्रकाश आता है।

सरस्वती वंदना जरूर पढ़ें-


या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥
कहते हैं जिसको मां सरस्वती का आशीर्वाद मिल जाए, उसे कभी ज्ञान और सुख का अभाव नहीं होगा। इस दिन आप सभी को मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्रों का जाप करना चाहिए

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च मुनीन्द्रमनुमानवै:।

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